Ganesh Ji Ko Durva Kyu Chadhate Hai

Ganesh Ji Ko Durva

आप सभी को मेरा प्यार भरा नमस्कार,

हे बुद्धि के देवता प्रथम पूज्य गणेश जी आज आप ही मुझे आपके ही बारे में कुछ लिखने के लिए प्रेरित कर रहे हो |

वह लिखने की क्षमता हो बुद्धि आप ही मुझे दीजिए |

क्या आपने कभी सोचा है गणेश जी को दूर्वा क्यों चढ़ाई जाती है? Ganesh Ji Ko Durva Kyu Chadhai Jaati Hai In Hindi

वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ | 

निर्विघ्नम कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ||

अर्थात, 

हे वक्र याने घुमावदार सूंड वाले ,

जिनकी काया (शरीर) विशाल है ,

जो करोड़ों सूर्य के समान प्रकाशमान है,

ऐसे मेरे देव मेरे हर कार्य को बिना विघ्न के सदैव पूर्ण करें ,मुझ पर आपकी कृपा दृष्टि सदैव बनी रहे |

यथा पिण्डे तथा ब्रह्मांडे

हम जो हैं, वैसा ही ईश्वर को देखते हैं |

गणेश जी को दूर्वा क्यों चढ़ाई जाती है ? Ganesh Ji Ko Durva Kyu Chadhai Jaati Hai In Hindi

हम सभी यह जानते हैं, कि गणेश जी को दूर्वा मतलब दूब बेहद पसंद है |

गणेश जी की पूजा में भक्त भक्ति भाव से गणेश जी को दूब अर्पण करते हैं |

परंतु क्या आप जानते हैं गणेश जी को दूब क्यों अर्पण की जाती है ?

धार्मिक मान्यता के अनुसार, प्राचीन काल में अनलासूर नामक एक दैत्य था | वह असुर एक नर्तकी पर मोहित हो गया | देखते देखते वह उस नर्तकी को निगल गया | उसे यह भोजन अति स्वादिष्ट लगा | अपने मुंह से आग उगलता था | वह जहां भी जाता वहां पर लोगों को नीगल जाता |

सृष्टि में चारों दिशाओं में अनलासूर की दहशत हो गई | अब उस दृष्टि की नजर स्वर्ग लोक पर गई | सभी तरफ से त्राहि-त्राहि मच ने लगी | ऐसे में स्वर्ग लोगों के राजा इंद्र के साथ अन्य सभी देव, ऋषि अनलासूर का अंत करने के लिए भगवान श्री शंकर के पास गए |

महादेव के निर्देशानुसार सभी देवताओं ने गणेश जी से अनलासूर के समस्या का समाधान करने की विनती की | 

भक्तों की पुकार सुनने वाले भगवान श्री गणेश ने तुरंत हि अनलासूर को निगल लिया |

तत्पश्चात गणेश जी के पेट में जलन होने लगी| 

चंद्रदेव ने उन्हें शांत करने की कोशिश करी, सबसे भगवान श्री गणेश भालचंद्र कहलाए |

भगवान श्री विष्णु हरि ने गणेश जी को कमल के पुष्प से पहुंचाने की कोशिश की | इसीलिए हम भगवान गणेश जी को कमल पुष्प अर्पित करते हैं |

परंतु गणेश जी की पेट की जलन कम नहीं हुई | इसी तरह नाना तरह के प्रयोग इस्तेमाल करने के बावजूद भी गणेश जी की पेट की जलन कम ना हुई | पश्चात महर्षि वेदव्यास गणेश जी को दूब खाने को दी |

तब जाकर गणेश जी के पेट की जलन में कम हुई | इसी कारण गणेश जी को भक्त दूब चढ़ाते है | 

दूर्वा, दूब क्या है Durva, Dub Kya Hai In Hindi

दूर्वा यह एक घास की प्रजाति है | इसे अरुगमपूलके नाम से भी जाना जाता है |

यह तो हम सभी जानते हैं कि दुर्वा  का इस्तेमाल पूजा पाठ अनुष्ठानों में उपयोग किया जाता है |

खास तौर पर गणेश जी की पूजा में दुर्वा का इस्तेमाल किया जाता है|

गणेश जी को दुर्वा अति प्रिय है |

समुद्र मंथन के समय, अमृत का वितरण देवता में हो रहा था, उसी समय अमृत की कुछ बूंदें  पृथ्वी पर गिर पड़ी |

समुद्र मंथन के समय जिस जगह पर अमृत की बूंदे गिरी हुई थी उसी जगह पर दूब यह वनस्पति ने जन्म लिया|

गिली / हरि दूर्वा में औषधीय गुण है

जबकि वह सूख जाने पर घास बन जाती है | 

दूर्वा के औषधीय गुण Medical Use Of Durva In Hindi

  • दूर्वा ठंडी जड़ी बूटी है जो रक्तशोधक है | जिस कारण वह रंगत को निखारती है | त्वचा से संबंधित कई परेशानियों का इलाज करती है | 
  • नंगे पैर हरी घास पर चलने से जिन्हें गर्मी की तकलीफ है उन्हें आराम मिलता है | 

निष्कर्ष Conclusion

आरोग्य और अध्यात्म आपस में जुड़े है | इस कारण हर भगवान को अर्पित होने वाली चीजें एक समान नहीं होती | भगवान की आराधना साल के उसी ऋतु में आती है, जिस ऋतु में भगवान को अर्पण होने वाली वस्तुएं हमारे आरोग्य के लिए अच्छी होती है |

ऐसी हमारी संस्कृति पहले से ही बहुत प्रगत है | जिसे हमें बेझिझक अहम जानकारियों के साथ फॉलो करना चाहिए |

धन्यवाद

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