- Ganesh Ji Ki Sthapna aur Visarjan
Ganesh Ji Ki Sthapna aur Visarjan
गणेश जी की स्थापना और विसर्जन क्यों किया जाता है ?
आप सभी को मेरा प्यार भरा नमस्कार,
हे बुद्धि के देवता प्रथम पूज्य गणेश जी आज आप ही मुझे आपके ही बारे में कुछ लिखने के लिए प्रेरित कर रहे हो,
वह लिखने की क्षमता और बुद्धि आप ही मुझे दीजिए |
क्या आपने कभी सोचा है की गणेश जी की स्थापना और विसर्जन क्यों किया जाता है ?
वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ |
निर्विघ्नम कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ||
अर्थात,
हे वक्र याने घुमावदार सूंड वाले ,जिनकी काया( शरीर) विशाल है , जो करोड़ों सूर्य के समान प्रकाशमान है, ऐसे मेरे दे मेरे हर कार्य को बिना विघ्न के सदैव पूर्ण करें ,मुझ पर आपकी कृपा दृष्टि सदैव बनी रहे |
यथा पिण्डे तथा ब्रह्मांडे
हम जो हैं, वैसा ही ईश्वर को देखते हैं |
गणेश जी की स्थापना क्यों की जाती है? Ganesh Ji Ki Sthapna Aur Visarjan Kyu Karte hai In Hindi
भाद्रपद मास शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को भगवान श्री गणेश की स्थापना भक्ति भाव से की जाती है |
उसके 10 दिन बाद अर्थात ,भाद्रपद मास में शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को गणेश विसर्जन किया जाता है |
यह 10 दिन के कालावधि में भक्तों बड़े भक्ति में रहते हैं |
गणेश जी का आगमन उत्साह पूर्ण वातावरण में किया जाता है |
पुराणों के अनुसार, महर्षि वेदव्यास ने महाभारत का बखान किया था |
परंतु ,उन्होंने स्वयं को इतना बड़ा ग्रंथ लिखने में असमर्थ पाया | इसीलिए उन्होंने बुद्धि के देवता भगवान श्री गणेश को यह कार्य करने हेतु अव्हानित किया | भक्त की पुकार सुन भक्तों के कल्याण हेतु लिखे जाने वाले इस महान ग्रंथों को स्वयं भगवान श्री गणेश ने अपने हाथों से लिपिबद्ध किया |
परंतु गणेश जी ने महर्षि व्यास ने कहा, “मैं जब लिखना प्रारंभ कर दूंगा तब अपनी कलम को रोकूंगा नहीं, अगर कलम रुक गई तो मैं आगे लिखूंगा नहीं” | उस समय महर्षि व्यास ने गणेश जी से कहा, “ मैं एक साधारण ऋषि हूं | आप एक विद्वान, अगर श्लोक में कोई भी गलती होती है तो उसका निवारण करते हुए आप उस श्लोक को लिखोगे | इस तरीके से, महर्षि व्यास ने महाभारत ग्रंथ का बखान करना, गणेश जी ने उससे अहोरात्र लिखना शुरू कर दिया|
महाभारत According to Mahabharat, Ganesh Ji Ki Sthapna aur Visarjan Kyu Karte hai In Hindi
भगवान श्री गणेश ने ‘महाभारत’ ग्रंथ को लिखने का कार्य भाद्रपद मास के चतुर्थी को शुरू किया था |
अगले 10 दिनों में याने भाद्रपद मास के चतुर्दशी तक महाभारत लिखने का कार्य संपन्न हुआ |
यह 10 दिन भगवान श्री गणेश ने एक आसन पर दिन-रात बैठकर महाभारत ग्रंथ को लिपिबद्ध किया |
इस कालावधी में महर्षि व्यास ने भगवान को प्रसन्न रखने के लिए नाना तरह के व्यंजन गणेश जी के आगे प्रस्तुत किए |
इसी कारण हम भी अपनी इच्छा शक्ति के अनुसार भगवान श्री गणेश को नाना व्यंजन प्रस्तुत करते हैं |
परंतु भगवान श्री गणेश जी के एक जगह पर बैठने के कारण शरीर में दाह बढ़ने लगा | महर्षि व्यास ने भगवान के शरीर का दाह कम करने के लिए मिट्टी को मिलाकर उनके शरीर पर लेप दिया | इस कारण उनका शरीर पत्थर की तरह हो गया | उनके शरीर पर धूल, मिट्टी जम गई | लेखन कार्य दस दिनों में पूर्ण हो गया | महर्षि व्यास जी ने गणेश जी को पास के सरस्वती नदी में डुबो दिया, ताकि उनका शरीर पर जमी हुई मिट्टी निकल जाए |
पृथ्वी लोक में आकर जग के कल्याण हेतु गणेश जी ने महाभारत ग्रंथ को लिपिबद्ध किया | इसी कारण भाद्रपद मास की चतुर्थी से चतुर्दशी तक गणेश उत्सव मनाया जाता है | ‘चतुर्थी तिथि’ जिस दिन गणेश जी ने महाभारत लिपिबद्ध करना शुरू किया, उस दिन गणेश जी की स्थापना करते हैं | ‘चतुर्दशी तिथि’ इस दिन ग्रंथ की रचना पूर्ण हुई, गणेश जी के पार्थिव शरीर का विसर्जन करते हैं | यही दस दिनों में हम गणेश उत्सव मनाते हैं |
यह दस दिनों में हम गणेश जी की उपासना तन,मन,वचन,कर्म और भक्ति भाव से करते हैं |
निष्कर्ष Conclusion
Ganesh Ji Ki Sthapna aur Visarjan Kyu Karte hai In Hindi
गणेश स्थापना का आध्यात्मिक महत्व यह है कि, हम 10 दिनों तक भगवान श्री गणेश की पूजा करते हैं|
जिस कारण हममें संयमता और अनुशासन के गुण आ जाते हैं |
आत्म अवलोकन करते हुए हमें अपने इंद्रियों पर नियंत्रण रखते हुए भगवान की भक्ति में ध्यान लगाना चाहिए |
मन में आए हुए काले बादलों , एवं निराशा की मिट्टी को हटाते हुए, सकारात्मकता से जीवन नए तरीके से जीना चाहिए|
Ganesh Ji Ki Sthapna aur Visarjan Kyu Karte hai In Hindi
धन्यवाद
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