Karwa Chauth Full-Day Fast, A 100 Heartbeats of love

करवा चौथ Karwa Chauth in Hindi 

Karwa Chauth

आप सभी को मेरा प्यार भरा नमस्कार.

  • शरद पूर्णिमा की बाद जो संकष्ट चतुर्थी आती है, वही करवा चौथ कहलाती है.
  • करवा चौथ करक चतुर्थी के नाम से भी जानी जाती है.
  • शरद पूर्णिमा के बाद कार्तिक मास आरंभ हो जाता है.
  • कार्तिक मास हिंदुओं के लिए विशिष्ट महीना है.
  • इस महीने में साल का सबसे बड़ा त्यौहार दीपावली आता है.
  • कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष के चतुर्थी मतलब करवा चौथ होती है.

करवा चौथ Karwa Chauth in Hindi

  • करवा चौथ स्त्रियों के जीवन में विशेष महत्व रखती है.
  • इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति के लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती है.
  • करवा चौथ यह हिंदुओं का एक प्रमुख त्यौहार है.
  • भारत के हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, जम्मू कश्मीर , उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में विशेषत: करवा चौथ बड़े धूमधाम से मनाई जाती है .
  • विवाहित महिलाएं पूरी साल इस त्यौहार का इंतजार करती है .

पति – पत्नी के मजबूत रिश्ते, प्यार और विश्वास के लिए मनाया जाने वाला त्यौहार याने करवाचौथ होता है.

लाल कपड़े, चूड़ियां, बिंदी, पायल, बिछुआ, मेहंदी आदि सुहाग की चीजों करवा चौथ का त्यौहार परिपूर्ण होता है.

  • शादी में सोलह श्रृंगार कर लड़कियां दुल्हन बनती है.
  • शादी के हर साल करवा चौथ पर लड़कियां दुल्हन की जैसी सज-धज कर तैयार होती है.

करवा चौथ का इतिहास Karwa Chauth History in Hindi

ऐसा माना जाता है कि,

पुरातन काल में देव और दानव में युद्ध चल रहा था. इस युद्ध में देवता हार रहे थे. उनके प्राण भी संकट में थे. तब ब्रह्मा जी ने इंद्राणी को निर्जला व्रत करने की सलाह दी.

इंद्राणी ने इंद्रदेव के लिए, अन्य देवताओं की पत्नियों ने अपने पतियों के प्राणों की रक्षा के लिए एवं विजय के लिए निर्जला व्रत किया. 

यह युद्ध इंद्रदेव जीत गए. सभी देवियों ने जब उपवास किया वह समय कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी थी.

इसीलिए करवा चौथ का व्रत पत्नी अपने पति के लंबी उम्र, खुशियांली के लिए रखती है.

करवा चौथ तिथि Karwa Chauth Tithi in Hindi

  • तारीख: 1 नवंबर 2023
  • दिन: बुधवार
  • नक्षत्र: मृगशीर्ष
  • योग: परीघ
  • चंद्रोदय: श्याम 08:57 मिनट 
  • मास: कार्तिक
  • पक्ष: कृष्ण

व्रत की विधि Karwa Chauth Vrat Procedure in Hindi

करवा याने मिट्टी का बर्तन (लोटा) चौथ याने चतुर्थी. करवा चौथ में भगवान शिव शंकर, माता पार्वती, कार्तिकेय स्वामी और गोरा की पूजा की जाती है.

चौथ माता की तस्वीर के आगे पानी से भरे दो लौटे एक के ऊपर एक रखते हैं. लोटे के ऊपर एक कटोरी में थोड़े से चावल और एक फल,  दूब, पैसे आदि रख दिया जाता है. महिलाएं व्रत का संकल्प लेती है.

विवाहित स्त्रियां सोलह श्रृंगार कर नए वस्त्र पहनती है.  गणेश जी एवं करवा चौथ की कहानी  पढ़ते हैं. सास को या घर के बड़ी औरत को साड़ी एवं कुछ उपहार देकर आशीर्वाद लेते हैं.  शाम को चांद को अरग देकर भोजन एवं पानी ग्रहण करते हैं.

पूरा दिन शक्तिशाली महसूस करने के लिए कई महिलाएं “सरगी” खाती है.

सरगी मतलब सास अपनी बहू को मेवे, मिठाई, फल ,सुहाग की चीजें एक थाली में सजा कर देती है. उसे के साथ अपना प्यार और आशीर्वाद बहू को देती है. 

ब्रह्म मुहूर्त में याने सुबह 4-5 के बीच मैं सरगी खाई जाती है. karwa chauth

 

सरगी में क्या खाना चाहिए? What should be eaten in Sargi In Hindi Karwa Chauth

karwa chauth
 

ड्राई फ्रूट्स (मेवा)

सुबह में जल्दी ड्राई फ्रूट्स का ग्रहण करने से शरीर में पानी की मात्रा बनी रहती है. जिससे पूरा दिन प्यास महसूस नहीं होती है.

मिठाई

शरीर में शुगर की मात्रा एवं एनर्जी बनी रहने के लिए सुबह में थोड़ी सी मिठाई का सेवन करना चाहिए.

फल

फल पचने में आसान होते हैं. फल में विटामिंस और मिनरल्स होते हैं. शरीर को पूरा पोषण मिलता है. जिसकी वजह से पूरा दिन ऊर्जा की कमी महसूस नहीं होती.

ककड़ी

ककड़ी शरीर का तापमान नियंत्रित करती है. ककड़ी में पानी अधिक मात्रा में होने के कारण पूरा दिन प्यास नहीं लगती.

करवा चौथ की कहानी Karwa Chauth Story in Hindi

एक साहूकार था. उसके 7 बेटे थे. सातों भाइयों की प्यारी एक बहन थी. वे सभी एक साथ बैठकर खाना खाते थे.

एक दिन कार्तिक की चौथ आई. तो उनकी बहन ने करवा चौथ का व्रत रख लिया. सारे भोजन करने आए.

अपनी बहन को बोले बहन तू भी खाना खा ले.

तो उनकी मां बोली आज खाना नहीं खाएगी. इसका करवा चौथ का व्रत है. जब चांद निकलेगा तभी खाना खाएगी.

तो उसके भाइयों ने छल कपट से जंगल में आग जलाकर छलनी में चांद दिखा दिया. तो वह अपने बाप से बोली कि चलो चांद निकल आया है.

अरग दे लो तो उसकी भाभी बोली की यह तो तेरा चांद निकला है हमारा तो रात को निकलेगा.

यह सुन उसने भाइयों के कहने पर चांद को अरग दे दिया. खाना खाने बैठ गई.

पहला टुकड़ा तोड़ा तो बाल निकला, दूसरा तोड़ा तोड़ा तो छिंक मारी.

तीसरा टुकड़ा तोड़ा तो राजा के घर का बुलावा आया कि राजा का लड़का बीमार है जल्दी भेजो.

मां ने लड़की को पहने के लिए तीन बार बैग खोला. तीनों बार सफेद कपड़े निकले.

अब उसे सफेद कपड़े पहना कर कि ससुराल भेज दिया. मां ने लड़की के पल्ले पर एक सोने कटक का बांध दिया.

और बेटी से कहा रास्ते में जो भी मिले पैर पड़ती जाइए.

जो तुझे सुहाग का आशीष देवें, उसे सोने का टका दे देना.

अब उसे रास्ते में कोई भी मिला सबके पर पड़ी. पर किसी ने भी सुहाग का आशीष नहीं दिया.

ससुराल पहुंचने पर छोटी ननंद के पांव पड़े. तब  ननंद बोली सिली हो सपुती हो 7 बेटों की मां हो मेरे भाई को सुख दे.

अब उसने सोने का टका छोटी ननंद को दे दिया.

अंदर जाकर देखा तो उसका पति अधमरा पड़ा था. अब वह उसे लेकर एक कोठरी में पड़ी रही.

सेवा Karwa Chauth

1 साल तक उसकी सेवा करी. उसके सास बांदी के हाथ बची कुची रोटी भेज देती. इस प्रकार अपने पति की सेवा करते उसे 1 साल बीत गया.

फिर करवा चौथ का व्रत आया. सारी पड़ोसन ने नहा धोकर करवा चौथ का व्रत रखा.

सबने सिर धो कर हाथों में मेहंदी लगाई. चूड़ियां पहनी. वह सब देखती रही. तो एक पड़ोसन बोली तू भी करवा चौथ का व्रत कर ले.

तो वह बोली में कैसे करूं तो वह बोली चौथ माता की कृपा से सब ठीक हो जाएगा. 

पड़ोसन के कहने से उसने व्रत रख लिया.

थोड़ी देर के बाद करवे बेचने वाली आई.  तो वह बोली मुझे भी कर भेज दे दो. 

एक के बाद एक 5 करवे वाली आई पर किसी ने भी उसे करवे नहीं दिए.

6th बहन Karwa Chauth

6th बहन करवे लेकर आई. वह बोली अब हमारी सातवीं आएगी. तू उसके रास्ते में कांटे  बिखेर देना. जब वह खूब चिल्लाती हुई आएगी तब उसके पैर में कांटा चुभ जाएगा.

तू सुई लेकर बैठ जाना. और उसका पाव मत छोड़ना. उसके पैर से कांटा निकाल देना. तो वह तुम्हें आशीर्वाद देगी.

भाई जिओ साई जिओ. Karwa Chauth

  • जब वह तुझे आशीर्वाद देगी . तो तुम उससे करवे मांग लेना. तब वह तुझे करवे देकर जाएगी. 
  • फिर तू उजमन करना. जिससे तेरा पति अच्छा हो जाएगा.
  • अब उसने वैसा ही किया. सारे रास्ते में कांटे बिछा दिए. जब वह करवे लेकर खूब चिल्लाती हुई आई. तो उसके पैर में कांटा चुभ गया. 
  • उसने उसका पैर पकड़ कर छोड़ा नहीं. और उसका कांटा निकाल दिया. तो उसने आशीर्वाद दिया.
  • तब उसने उसके पैर पकड़ लिए. और बोली कि जब तूने मुझे आशीर्वाद दिया है. तो करवे बी दे कर जाएगी.
  • तो उसने बोला तूने तो मुझे ठग लिया.  यह कहकर उसने उसे करवा दे दिए.
  • अब करवे ले लेकर उसने उजमन की तैयारी की, व्रत रखा. 
  • राजा का लड़का ठीक हो गया.  बोला मैं बहुत सोया.
  • वह बोली सोए नहीं, 12 महीने हो गए तेरी सेवा करते करते.

चौथ माता ने सुहाग दिया है. उसका पति बोला कि चौथ माता का उजमन अच्छे से करो. चौथ माता की कहानी सुनी. उजमन करा. अब वे दोनों चौपड़ खेलने लग गए.

इतने में उसकी बांधी “तेल की पली गुड़ की डली” लेकर आ गई.  दोनों को खेलते देखकर सासु से जाकर बोली महलों में खूब रौनक है. तेरी बहू-बेटा चौपड़ साथ खेल रही है.

इतनी सुनकर सासु देखने को आई. दोनों को देखकर बहुत खुश हो गई.

बहू ने सासु के पैर दबाए. सासु बोली बहू सच बता तूने क्या किया. उसने सारा हाल अपनी सांस को बताया.

ढिंढोरा Karwa Chauth

राजा ने सारे शहर में ढिंढोरा पिटवा दिया कि,

  • अपने पति के जीवन की सुरक्षा के लिए करवा चौथ का व्रत रखे.
  • पहले करवे को अपने पीहर में जाकर उजमन करें.
  • हे चौथ माता जैसों राजा के लड़के को जीवनदान दिया. वैसा सब किसी को देवें. 
  • कहानी सुनते समय कटोरी में चावल लेवे. 
karwa chauth
धन्यवाद 

Karwa Chauth

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