Harmonious Rituals: Why Laxmi Puja Precedes Ganesh Puja – Unveiling the Divine Connection 2
Laxmi Puja Par Ganesh Puja Kyu Hoti Hai लक्ष्मी पूजन पर गणेश पूजा क्यों होती है ?
Ganesh Puja Kyu Hoti Hai Deepwali Ke Utsav Par?
Laxmi Pujan Par Shri Ram Ki Jagah Laxmi Mata Ki Puja Kyu Hota Hai?
लक्ष्मी पूजन पर गणेश पूजा क्यों होती है? Laxmi Puja Par Ganesh Puja Kyu Hoti Hai In Hindi
आप सभी को मेरा प्यार भरा नमस्कार,
दीपावली का त्यौहार माता लक्ष्मी, भगवान श्री गणेश और प्रभु श्री राम इनका है | पर यह बातें आपस में किस तरह से जुड़ी है ,क्या हम जानते हैं ?
हिंदुओं के दशहरा दिवाली यह साल के सबसे बड़े त्यौहार होते हैं | परंतु इन त्योहारों को मनाने के पीछे की भावनाएं जानकारी आजकल की युवा पीढ़ी को नहीं है | परंतु यह जानकारी होना आवश्यक है |
हम सभी यह जानते हैं दशहरे पर प्रभु श्री राम ने लंकापति रावण को युद्ध में हरा दिया था | और उसका वध कर प्रभु श्री राम अपना वनवास पूरा कर अयोध्यापुरी में दीपावली पर पहुंचे थे |
पूरी अयोध्या नगरी को सजाया गया था | घी के दिए लगाए गए थे | उसी समय से हम सब दिवाली का त्यौहार मनाते हैं |
परंतु कुछ दिन पूर्व है किसी का एक लेख पढ़ने में आया, जो पढ़कर आनंद आया | इसीलिए यह मैं आपके साथ भी साझा कर रही हूं |
दीपावली पर लक्ष्मी पूजन क्यों होता है श्री राम की पूजा क्यों नही Why Is Laxmi Puja Worshipped On Laxmi Pujan On Diwali In Hindi
जब दीपावली भगवान राम के १४ वर्षो के वनवास से अयोध्या लौटने के उत्साह में मनाई जाती है,
तो दीपावली पर “लक्ष्मी पूजन” क्यों होता है ? श्री राम की पूजा क्यों नही ?”
क्या आपके भी मन में यह सवाल आ रहा है?
“दीपावली उत्सव दो युग “सतयुग” और “त्रेता युग” से जुड़ा हुआ है!“
- “सतयुग में समुद्र मंथन से माता लक्ष्मी प्रगट हुई थी | इसलिए “लक्ष्मी पूजन” होता है |
- भगवान श्री राम भी त्रेता युग मे इसी दिन अयोध्या लौटे थे | तो अयोध्या वासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया था| इसलिए इसका नाम दीपावली है!
इसलिए इस पर्व के दो नाम हैं, “लक्ष्मी पूजन” जो सतयुग से जुड़ा है, और दूजा “दीपावली” जो त्रेता युग, प्रभु श्री राम और दीपो से जुड़ा है |
जब लक्ष्मी पूजन त्रेता युग से और दीपावली सतयुग से जुड़े हैं |
लक्ष्मी पूजन पर गणेश पूजा क्यों होती है Why Is Ganesh Ji Worshipped On Laxmi Puja In Hindi
तो लक्ष्मी पूजन पर गणेश जी की पूजा क्यों होती है ? अब यह सवाल खड़ा होता है ?
गणेश जी तो प्रथम पूज्य है |
हर अनुष्ठान में उनका पूजा अनिवार्य है |
हमें यह उत्तर योग्य लगता है, परंतु लक्ष्मी पूजन पर गणेश पूजन होने का एक और कारण है |
माता लक्ष्मी समुद्र मंथन के वक्त समंदर से बाहर आई थी |
वह तिथि हम लक्ष्मी पूजन के उपलक्ष्य में मनाते हैं |
यह तो हम सभी जानते हैं, मां लक्ष्मी को सृष्टि के ‘धन और ऐश्वर्य की देवी’ रूप में पूजा जाता है |
यक्षों के राजा धन के भंडारी कुबेर है |
कुबेर जी भक्तों को धन बांटने में असफल हो रहे थे | आखिर थे तो बड़े कंजूस ही ना |
अपने भक्तों को दुखी देख,जनकल्याण के खातिर माता ने दीर्घ और विशाल बुद्धि वाले श्री गणेश जी को सृष्टि में धन का वितरण करने के लिए मना लिया |
श्री गणेश जी ठहरे महा बुद्धिमान |
वे बोले, “माँ, मैं जिसका भी नाम बताऊंगा, उस पर आप कृपा कर देना |
कोई किंतु, परन्तु नहीं| माँ लक्ष्मी ने हाँ कर दी |
अब श्री गणेश जी लोगों के सौभाग्य के विघ्न/रुकावट को दूर कर उनके लिए धनागमन के द्वार खोलने लगे |
कुबेर भंडारी ही बनकर रह गए |
गणेश जी की दरियादिली देख, माँ लक्ष्मी ने अपने मानस पुत्र श्री गणेश को आशीर्वाद दिया, कि जहाँ वे अपने पति नारायण के सँग ना हों, वहाँ उनका पुत्रवत गणेश उनके साथ रहें!
दीपावली कार्तिक अमावस्या को आती है, भगवान विष्णु उस समय योगनिद्रा में होते हैं |
ग्यारह दिन बाद देव उठावनी ग्यारस को भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं |
शरद पूर्णिमा से दीवाली के बीच के पन्द्रह दिनों में माँ लक्ष्मी पृथ्वी भ्रमण करने आती है , तब वह अपने संग भगवान श्री गणेश को लेकर आती है |
इसलिए दीपावली को लक्ष्मी-गणेश की पूजा होती है |
निष्कर्ष Conclusion Of Laxmi Puja In Hindi
इसी कारण इस पर्व को हम लक्ष्मी पूजन और दीपावली यह 2 नामों से जानते हैं |
- गणेश जी और माता लक्ष्मी जी की पूजन कर हम उन्हें प्रसन्न करते हैं |
- प्रभु श्रीराम के आगमन हेतु हम दिए जलाते हैं
गणपती बाप्पा मोरया
जय मातादी
जय श्रीराम
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