Gokul Ashtami
गोकुल अष्टमी Gokul Ashtami 2023 In Hindi
आप सभी को मेरा प्यार भरा नमस्कार,
जय श्री कृष्णा
आप सभी को कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं |
ॐ श्री गणेशाय नमः
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
गोकुल अष्टमी भगवान श्री कृष्ण केपृथ्वी पर जन्म लेने के अवसर के लिए मनाया जाता है | भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रात 12:00 बजे हुआ था | इसी कारण जन्माष्टमी अष्टमी और नवमी दो तिथि पर मनाई जाती है | अष्टमी तिथि रात 12:00 का समय, भाद्रपद मास, रोहिणी नक्षत्र, निशिता काल ऐसे शुभ युग में भगवान ने पृथ्वी पर जन्म लिया |
धर्म की स्थापना और अधर्म का नाश करने के लिए भगवान श्री कृष्ण हरि धरती पर जन्म लेते हैं |
गीता अध्याय 4 श्लोक 8
परित्राणाय साधुनाम विनाशाय च दुष्कृतम् |
धर्मसंस्थापनार्थाय संभवामि युगे युगे ||
भगवान श्री कृष्ण कहते हैं,
अर्थ :- साधु जनों के कल्याणार्थ पापियों के विनाशार्थ वह धर्म की स्थापना हेतु मैं प्रत्येक युग में प्रकट होता हूं |
कृष्ण जन्माष्टमी की पौराणिक कथा Gokul Ashtami Pauranik Katha In Hindi
धरती पर पाप बढ़ गया,चारों ओर त्राहि-त्राहि होने लग गई | उस समय मां धरती ब्रह्मा जी के पास गई | ब्रह्मा जी के साथ अन्य देवता भगवान श्री विष्णु हरि को अवतार लेने के लिए प्रार्थना करने लगे | तब भगवान श्री विष्णु ने कहा, “ मैं वासुदेव देवकी के घर प्रकट होऊंगा, आप सब भी अवतार धारण कर लीजिए |”
आहक नाम के राजा के 2 पुत्र देवक और उग्रसेन थे |
देवक के 7 कन्याओ की शादी वासुदेव के साथ की |
वासुदेव जी को देवकी से 6 बालक, रोहिणी से सातवा बालक बलराम ,और आठवां साक्षात श्री कृष्णा प्रकट हुए |
वासुदेव और देवकी की शादी भाई कंस ने रथ चला रहा था | उसी वक्त आकाशवाणी हुई, “ ह कंस ! जिस बहन की शादी से तू इतना खुश हो रहा है वही देवकी का आठवां पुत्र तुझे मारेगा |” उसी समय कंस अपनी बहन देवकी की हत्या करने के लिए खड़ा हो गया| परंतु वासुदेव जी ने कहा कि इसका आठवां पुत्र मारने वाला है तू तू इसे क्यों मार रहा है ? कंस ने वासुदेव और देवकी को सलाखों के पीछे डाल दिया | जब देवकी ने पहले पुत्र को जन्म दिया उस वक्त कंस ने उसे छोड़ दिया | परंतु नारद जी बोल उठे कौन सा भी पुत्र आठवां हो सकता है, पर तुझे योग्य लगे वैसा तू कर |
ईश्वर किसी को मारते नहीं है | मनुष्य का पाप ही उसे मारता है |
कहते हैं ना विनाश काले विपरीत बुद्धि ठीक उसी तरह एक एक कर कर कंस देवकी के सातों पुत्रों को मार देता है |
सभी जीव संसार रूपी कारागृह में बंद है |
संसार में जो जगता है उसे भगवान मिलते हैं |
जो जागत है सो पावत है, जो सोवत है वह खोवत है |
जैसे कबीर जाग गए, उन्हें भगवान मिल गए |
मीरा ने भगवान का ध्यान धरा, आज वह पावन हो गई |
योगमाया का आश्रय Yogmaya Ka Ashray In Janmashtami In Hindi
योग माया के आश्रय से भगवान अवतार लेते हैं | भाद्रपद शेट्टी के दिन रोहिणी के उदर से बलदेव प्रकट हुए | जो शब्द ब्रह्म का स्वरूप है | शब्द ब्रह्म के बाद परब्रह्म आते हैं | जो दूसरों को आनंद देती है यश देती है वह यशोदा , उनके यहां परमानंद आते हैं |
“ यशो ददाति इति यशोदा”
भगवान जी का आगमन Krishn Janmashtami In Hindi
शांडिल्य ऋषि के कहने से सभी गोपाल निर्जला एकादशी का व्रत करते हैं | देवकी को गर्भ धारण किए नो मास पूर्ण हो गए | जब परम शोभायमान और सर्वगुण संपन्न समय हुआ | चंद्र रोहिणी नक्षत्र में आया, दिशाएं स्वच्छ हो गई, आकाश निर्मल हो गया, नदी का पानी साफ हो गया, सुगंधी पवन बहने लगी और पृथ्वी पर भगवान श्री श्री हरि के कृष्ण जन्म का समय हो गया |
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी मध्य रात्रि 12:00 बजे देवकी वासुदेव के समक्ष कमलनयन वाले अद्भुत चतुर्भुज नारायण प्रकट हुए | भगवान के श्री हस्त में शंख, चक्र, गदा और पदम आयुध धारण किए हुए थे | कुछ क्षणों में चतुर्भुज अदृश्य होकर दो हाथ वाले कन्हैयालाल प्रकट हुए | वासुदेव और देवकी जी अखंड जीवन कारागृह में बिताने के बावजूद भी उन्होंने कभी भी ईश्वर का ध्यान आराधना छोड़ी नहीं | इसीलिए भगवान ने स्वयं अपने चतुर्भुज रूप का उन्हें दर्शन कराया |
ज्ञानदीप भगवान कन्हैया रूप बालक के रूप में प्रकट हो गए |
प्रभु ने कहा मुझे गोकुल ले चलो |
जिसके मस्तिष्क में बुद्धि में ईश्वर का अनुभव हो, भगवान हो, उसके मार्ग में विघ्न आने से भी विघ्न विघ्न रहता नहीं है |
ठीक, उसी तरह जब वासुदेव जी जब कान्हा को टोकरी में लेकर गोकुल की ओर निकलते हैं सभी बंधन टूट जाते हैं | वह कारागृह से बाहर आ जाते हैं | दाऊजी शेषनाग रूप में बालकृष्ण के ऊपर छतरी धरते है | यमुना जी चरण स्पर्श कर रास्ता देती है | योग माया के आवरण से सारा गोकुल गहरी निद्रा में चला जाता है |कृष्णा के आदेशानुसार वासुदेव जी कृष्णा को यशोदा मैया के पास रख कर योग माया को अपने साथ ले जाते हैं |
योग माया और कंस Yog Maya And Kans In Janmashtami 2023 In Hindi
कंस योग माया को बाल रूप में देखकर उनके दोनों पैरों को पकड़कर पत्थर पर पछाड़ता है |
माया किसी की नहीं होती वह किसी के हाथ में नहीं आती |
आदिमाया ने कंस के सिर पर लात मारकर, अष्टभुजा जगदंबा भद्रकाली के रूप में प्रकट हुई |
और कंस से कहा तुझे मारने वाला काल तो जन्म ले चुका है |
कान्हा का गोकुल में आना Kanha In Gokul Ashtami 2023 In Hindi
नंद घर आनंद थयो,
जय कन्हैया लाल की
जिस जिस को पता चला वह सभी नंद के घर कृष्ण के दर्शन के लिए दौड़ पड़े |
हर गोपी का मन कृष्ण ने मोह लिया |
दही दूध से बाल गोपाल को नेहलाया गया |
वाणी, वर्तन, विचार से जो आनंद देता है वह है – नंद
जिससे किसी को उद्वेग अशांति ना हो वह है – ज्ञानी
सबको आनंद ना दे पाए तो कोई बात नहीं,
परंतु किसी को दुख मत दो किसी की बद्दुआ मत लो |
निष्कर्ष Conclusion Of Gokul Ashtami 2023 In Hindi
जीवात्मा का घर मतलब अपना शरीर है |
तो क्यों ना इस शरीर को मथुरा बनाओ ह्रदय को गोकुल बना दो |
गोकुल का अर्थ
‘गो’ का मतलब इंद्रिय
‘कुल’ का मतलब समूह
गोकुल – इंद्रियों का समूह एकत्रित होता है वह होता है हृदय.
ह्रदय में श्रीकृष्ण को बसा लो. सतत एक ही स्वरूप का मन बार-बार चिंतन करें तो मन शक्तिशाली बनता है |
काया पवित्र होती है |
ऐसे जीवो को दुखों का असर नहीं होता है |
जय श्री कृष्णा
Hathi ghoda palki jai kanyiya lal ki