Gandhi Jayanti गांधी जयंती

गांधी जयंती Gandhi Jayanti in Hindi

आप सभी को मेरा प्यार भरा नमस्कार.

आज हम गांधी जयंती Gandhi Jayanti यानी कि हमारे बापू जी के जीवनी के बारे में कुछ जानकारी लेंगे.

भारत को 1947 में आजादी मिली 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस 2 अक्टूबर गांधी जयंती और 26 जनवरी प्रजासत्ताक दिन राष्ट्रीय त्योहार के नाम से जाने जाते हैं.

  • सन 1919 में प्रसिद्ध लेखक तथा राष्ट्रगान के रचयिता रविंद्र नाथ टैगोर जी ने लिखे हुए पत्र में गांधी जी को
    “महात्मा” की उपाधि दी थी.
  • सन 1944 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस इन्होंने अपने एक भाषण में गांधी जी को “राष्ट्रपिता” कहकर संबोधित किया था.
  • पंडित जवाहरलाल नेहरू इन्होंने गांधी जी की मृत्यु की सूचना देते समय गांधी जी को “राष्ट्रपति” कहा था. 
  • मोबाइल ब्रांड एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉन्स ने गांधी जी के सम्मान में गोल चश्मा पहना था.
  • गांधीजी 5 बार नोबेल पुरस्कार के लिए चुने गए थे. 
  • गांधीजी के नाम पर छोटी सड़कों को छोड़कर 50 बड़ी सड़कें भारत देश में है.
  •  विदेश में गांधीजी के नाम पर 60 सड़कें हैं.

महात्मा गांधी जी का बचपन Mahatma Gandhi Ji’s Childhood in Hindi

  • राष्ट्रपिता होने के कारण गांधी जी को बापू नाम से बुलाया जाता है.
  • गांधी जी का पूरा नाम मोहनचंद करमचंद गांधी था.
  • उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 गुजरात  के पोरबंदर जिले में हुआ था. बचपन से ही गांधीजी शर्मीले स्वभाव के थे.
  • उन्हें  साप और भूतों से बहुत डर लगता था. किसी ने उन्हें राम जी का नाम लेने का मशवरा दिया था. राम नाम लेते लेते वह राम भक्त कहलाने लगे.
  • गांधी जी बचपन से ही पढ़ाई लिखाई में बहुत ही होशियार थे.
  • बापू जी का जन्म एक अमीर दीवान खानदान में हुआ था.
  • गांधी जी के दादाजी उत्तमचंद अथवा  ओता गांधीजी  जूनागढ़ राज्य में दीवान का काम करते थे.
  • गांधी जी के पिता करमचंद गांधी पोरबंदर के राजकोट में दीवान थे.
  • इसी कारण करमचंद गांधी जी अपने बेटे मोहनचंद को ( महात्मा गांधी जी को) बैरिस्टर यानी कि वकील बनाना चाहते थे. 
  • गांधी जी के माता का नाम पुतलीबाई था.
  • महात्मा गांधी जी को दो भाई और एक बहन थी. गांधीजी सबसे छोटी संतान थी.
  • गांधीजी रोजाना 18 किलोमीटर चलते थे.
प्रारंभिक शिक्षा

प्रारंभिक शिक्षा के लिए गांधीजी को लंदन भेजने का फैसला किया गया. परंतु लंदन जाने से पहले उनका विवाह कस्तूरबा गांधी के साथ कर दिया गया.

मई 1883  मैं कस्तूरबा गांधी महात्मा गांधी जी की पत्नी बनी. अपने विवाह के समय गांधी जी केबल 13 साल की उम्र के थे.

शादी के बाद वह पत्नी के साथ लंदन पढ़ाई के लिए चले गए.

गांधीजी का अहिंसा का पाठ Gandhiji’s Ahimsa Lesson in Hindi

सफलतापूर्वक अपनी पढ़ाई पूरी कर वह मुंबई में वकालत का अभ्यास करने लगे. उसी समय उन्हें दक्षिण अफ्रीका के एक सेठ का केस लड़ने का मौका मिला. वह केस बड़ी आसानी से जीत गए.

दक्षिण अफ्रीकामें अश्वेतो और भारतीयो के साथ हो रहे नस्लीय भेदभाव को देखकर वह बहुत दुखी हो गए.

अंग्रेजों के अपमानजनक नीतियों से गांधीजी ने लड़ने का फैसला किया. बचपन से ही नेतृत्व की क्षमता होने के कारण उन्होंने आंदोलन और सत्याग्रह किया.

गांधी जी ने सत्याग्रह आंदोलन में “नाताल इंडियन कांग्रेस” नामक संस्था का निर्माण किया गया. भारतीय ने महात्मा गांधी जी के नेतृत्व में विरोध जनसभा का आयोजन किया गया.

अंग्रेजो के खिलाफ केस दर्ज करवाया. यह  अंग्रेजो के खिलाफ का सत्याग्रह 7 सालों तक चलता रहा.

अहिंसा के साथ चलते गांधीजी केस जीत गए. अंग्रेजों  को अपने कानून में बदलाव करना पड़ गया.

 “भारत से आए वकील के कारण अंग्रेजों को अपना कानून बदलना पड़ा”  यह बात पूरे विश्व में आग जैसी फैल गई.

यह वह समय था जब हर किसी को अहिंसा की ताकत का पता चला.  गांधीजी के सत्याग्रह की शुरुआत यहीं से हुई.  21 साल तक गांधीजी साउथ अफ्रीका में रहे.

  • अहिंसा= अहिंसा मतलब जिस कार्य में हिंसा ना हो. खून की होली ना हो. मारकाट ना हो.
  • सत्याग्रह= सत्य का आग्रह.  सत्य और सही का पालन करना मतलब सत्याग्रह

इसी आंदोलन के कारण गांधी जी ने सत्य और अहिंसा की नीति अपनाई. जिसके चलते अंग्रेजों को भारत देश छोड़ना पड़ा. भारत देश को आजादी मिली. 

आज भी कई लोग गांधी जी की नीतियों को अपनाते हैं.

महात्मा गांधी जी भारत कब लौटे When did Mahatma Gandhiji return to India in Hindi

महात्मा गांधी जी अपने पत्नी के साथ 21 साल तक दक्षिण अफ्रीका में रहे.  उनके गुरु गोपाल कृष्ण के नेतृत्व में और सलाह से वह भारत लौटे.

गांधी जी को राजनीति का पाठ गुरु गोपाल कृष्णा ने करवाया था.

गांधीजी ने भगवद गीता बायबल, बुद्ध चरित का पाठ किया था. इन सभी के कारण व एक उत्तम ज्ञानी बने.

अपने ज्ञान से उन्होंने:

  • त्याग ही परम धर्म यह निष्कर्ष निकाला था.
  • अहिंसा और अवज्ञा एक कला है यह वह जान चुके थे. 
  • उन्होंने सत्य, अहिंसाऔर अवज्ञा की नीति अपनाई थी.

 9 जनवरी 1915 को गांधी जी भारत लौट आए. भारत की सत्य परिस्थिति को जानने के लिए उन्होंने 1 साल तक भारत भ्रमण किया.

भारत भ्रमण करते समय वह 1917 में बिहार के चंपारण जिले में जा पहुंचे.

उपजाऊ जमीन पर खेती की जगह पर नील की खेती करने के अंग्रेजों के जोर जबरदस्ती के खिलाफ उन्होंने आवाज उठाई.

इस सत्याग्रह को चंपारण सत्याग्रह के नाम से जाना जाता है.

गांधीजी द्वारा भारत में किए गए आंदोलन और सत्याग्रह Protests and Satyagraha commenced by Gandhiji in Hindi

  • 1917 चंपारण सत्याग्रह
  • 1918 खेड़ा आंदोलन
  • 1919 रोवॉल्ट एक्ट विरोध आंदोलन
  • 1920 असहयोग आंदोलन
  • 1922 सविनय अवज्ञा आंदोलन
  • 1930 दांडी मार्च
  • 1935 दलित आंदोलन
  • 1942 भारत छोड़ो आंदोलन

जालियनवाला बाग हत्याकांड Jallianwala Bagh Massacre in Hindi

जालियनवाला बाग हत्याकांड दांडी यात्रा के नाम से जाना जाता है. इस हत्याकांड का विरोध करते हुए गांधी जी ने एक यात्रा शुरू की गई थी.

यह यात्रा 26 दिन तक चली. 12 मार्च 1930 से 6 अप्रैल 1930  को यह यात्रा तटीय गांव के दांडी में समापन की गई इसीलिए इस यात्रा का नाम दांडी यात्रा रखा गया.

इस यात्रा से अंग्रेज सरकार को अन्याय का विरोध होगा. यह संदेश दिया गया.

नमक आंदोलन/ सत्याग्रह Salt Satyagraha in Hindi

नमक आंदोलन का मुख्य हेतु अंग्रेज सरकार के खिलाफ बुलंद आवाज उठाना था. इस आंदोलन में भारत की महिलाएं भी शामिल हुई थी. इस आंदोलन की वजह से अंग्रेज सरकार की नीव हिल गई थी. 

गांधी आश्रम Gandhi Ashram in Hindi

मई 1915 में गांधी जी ने एक आश्रम की स्थापना की थी. जिसका नाम साबरमती था.  यह आश्रम बनाने के पीछे गांधीजी का मकसद और सिद्धांत समानता  का था. अंग्रेजो के खिलाफ सीटों के लिए खड़े  रहने के लिए गांधीजी ने 6 दिन का उपवास किया था.

स्वतंत्र सेनानियों के लिए गांधीजी पिता समान थे. इसीलिए भी उन्हें बापू कहा जाता है. गांधीजी ने स्वतंत्र सेनानियों को “ खून बहाने से आजादी नहीं मिलेगी अहिंसा और अवज्ञा से मिलेगी”  यह संदेश दिया था.

महात्मा गांधी जी का ब्रीदवाक्य यह था की,

पहले वो तुम्हें नकारेंगे

फिर वह तुम पर हसेंगे

 पर भी तुम से लड़ेंगे और

 फिर तुम जीत जाओगे.

मेरा  धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है ,

सत्य मेरा भगवान है, अहिंसा उसे पाने का साधन है.

गांधी जयंती कहां मनाई जाती है Where is Gandhi Jayanti celebrated in Hindi

आज भी 2 अक्टूबर को पूरे भारतवर्ष में गांधी जयंती बड़े धूमधाम से मनाई जाती है. इस दिन स्कूल, महाविद्यालय, कार्यालयों को छुट्टी दी जाती है.

  • 2 अक्टूबर राष्ट्रीय छुट्टी का दिन कहलाता है. 
  • 2 अक्टूबर अहिंसा दिन भी कहलाता है.

गांधी जयंती के अवसर पर सरकार नई नई योजनाएं बनाती है. कई जगहों पर कई तरह के समारोह आयोजित किए जाते हैं. इन समारोह में गांधीजी के और स्वतंत्र सेनानियों के बलिदान एवं कार्यों के बारे में चर्चा की जाती है.

स्कूल विद्यालयों में निबंध प्रतियोगिता आयोजित की जाती है. जिसके चलते बच्चों  को अहिंसा का पाठ पढ़ाया जाता है. तर्क वितर्क, विचार विमर्श की भी प्रतियोगिता आयोजित की जाती है. जिससे बच्चों के ज्ञान में वृद्धि होती है. 

गांधी जी का प्रिय भजन रघुपति राघव राजा राम गांधी जयंती के अवसर पर जरूर गाया जाता है.

गांधीजी की नीतियां आज भी सर्वप्रिय है. 

गांधीजी के तत्वों पर चलकर जो व्यक्ति अहिंसा के रास्ते पर चलता है  वह अहिंसा वादी या गांधीवादी के नाम से भी जाना जाता है.

 महात्मा गांधी जी के स्मरणार्थ एवं उनके बलिदान के सम्मान में आज भी भारत  की मुद्रा पर गांधीजी का चित्र पाया जाता है.

Gandhi Jayanti images - Gandhi Jaynati

नीचे दिए गए स्थान पर गांधी जयंती बहुत धूमधाम से मनाई जाती है.

  • शहीद स्तंभ- 30 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी जी पर हमला किया गया था. नाथूराम गोडसे ने बापू की गोली मारकर हत्या कर दी थी.( अंतिम समय बापू के मुंह से राम नाम निकला था)
  •  राजघाट-   31 जनवरी 1948 को गांधीजी का शरीर जलाया गया था.
  • त्रिवेणी संगम- गंगा नदी, यमुना नदी और सरस्वती नदी जिस स्थान पर एक साथ मिल जाती है उस स्थान को त्रिवेणी संगम के नाम से जाना जाता है.

गांधी जयंती के लिए कुछ कोट Quotes for Gandhi Jayanti in Hindi

Quote – 1

धोती वाले बापू की 

यह ऐसी एक लड़ाई थी,

न गोले बरसाए उन्होंने

ना बंदूक चलाई थी

सत्य – अहिंसा के बल पर ही

दुश्मन को धूल चटाई थी.

Quote – 2

सत्य अहिंसा का था  वह पुजारी

कभी ना जिसने हिम्मत हारी

सास दी हमें आजादी की

जन-जन जिसका है बलिहारी.

Quote – 3

जिसकी सोच ने कर दिया कमाल

बदल दिया जिसने देश का हाल

जिसने पढ़ाया सत्य और अहिंसा का पाठ

वह थे हमारे गांधी बापू महान

Quote – 4

अहिंसा का पुजारी,

सत्य की राह दिखाने वाला

ईमान का पाठ पढ़ा गया हमें,

वह बापू लाठी वाला

|| जय हिंद जय भारत ||

|| धन्यवाद ||

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