Mantra Pushpanjali In Hindi G20 Prayers Blossoming Grace
मंत्रपुष्पांजली Mantrapushpanjali know in Marathi
“Sacred Petals of Devotion” Mantra Pushpanjali In Hindi
आप सभी को मेरा प्यार मेरा नमस्कार,
घर मे, मंदिर मे कोई भी पूजा, अनुष्ठान, हवन- यज्ञ हो तो हमने अक्सर देखा है की, मंत्र पुष्पांजली बोली जाती है |
लेकिन मंत्र पुष्पांजली होती क्या ? आज हम इस बारे मे अधिक जानकारी लेंगे |
भगवान को जब पुष्प अर्पित किए केले जाते है, तब अपने मन की बात पुरी करने के लिए भगवान को प्रार्थना की जाती है | फुलों को मंत्र पद्धत करने का तरीका- हाथों की अंजली मे फुलो को रख कर मंत्र पुष्पांजली बोल ना |
मंत्रपुष्पांजली = मंत्र+ पुष्प +अंजली
पूजा आरती के बाद अखेर मे मंत्र पुष्पांजली बोलकर हम भगवान को धन्यवाद देकर, अपने घर -परिवार ,मित्र-परिवार, समाज, राज्य, देश आदी मे सुख और शांति को बनाये रखने की भगवान से प्रार्थना करते है |
किसी भी मंत्र का अर्थ समझने पर ,भाव समझ कर बोलने से मनोकामना जल्दी पूरी हो जाती है |
मंत्रपुष्पांजली | मंत्रपुष्पांजली अर्थ | संपूर्ण मंत्र पुष्पांजली | वैदिक मंत्रपुष्पांजली Meaning Mantra Pushpanjali In Hindi
ॐ यज्ञेनयज्ञमयजन्तदेवास्तानिधर्माणिप्रथमान्यासन
तेह- नाकंमहिमान: संचतयत्र:पूर्वे साध्या:संती देवा: ||
ॐ राजाधिराजायप्रसह्यसाहिने नमोवयंवैष्णवणाय कुर्महे
समेकामान् कामकामायमह्यं कामेश्वरो वैश्रवणोददातु
कुबेराय वैश्रवणाय महाराजाय नमः ||
ॐ स्वस्ती
साम्राज्यं भोज्यं स्वाराज्यं वैराज्यं पारमेष्ठयंराज्यं
महाराज्यमाधिपत्यमयं समंतपर्यायीस्यात
सार्वभौम: सार्वायुष अंतदापरार्धात
पृथिव्यै समुद्रपर्यंतया एकराळीती ||
तदष्येष श्लोको भिगीतो
मरुत: परिवेष्टरो मरूतस्यावसन गृहे
आविक्षितस्य कामप्रेर्विश्वे देवा: सभासद इति ||
मंत्रपुष्पांजली मे बोली जाने वाली आखरी लाईन जिस भगवान की पूजा कर रहे है उनको समर्पित की जाती है|
हरीॐ एकदंताय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दंती प्रचोदयात् ||
हरीॐ नारायण विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णू: प्रचोदयात् ||
हरीॐ महालक्ष्मीच विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ||
हरीॐ नंदनंदाय धीमही विद्महे यशोदानंदाय धीमही तन्नो कृष्ण प्रचोदयात् ||
हरीॐ भास्कराय विद्महे दिवाकराय धीमहि तन्नो सूर्य: प्रचोदयात् ||
हरीॐ अंजनी सुताय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि, तन्नो हनुमत प्रचोदयात ||
हरीॐ चर्तुमुखाय विद्महे हंसरुढाय धीमही तन्नो ब्रह्मl प्रचोदयात ||
हरीॐ श्री तुलस्यै विद्महे कृष्णप्रियायै धीमही | तन्नो वृंदा प्रचोदयात ||
हरीॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात ||
मंत्रपुष्पांजली अर्थ Meaning Mantra Pushpanjali In Hindi
ॐ यज्ञेनयज्ञमयजन्तदेवास्तानिधर्माणिप्रथमान्यासन
तेह- नाकंमहिमान: संचतयत्र:पूर्वे साध्या:संती देवा: ||
अर्थ: 1 Meaning 1 Mantra Pushpanjali In Hindi
ॐ यज्ञ करके
यज्ञ में देवता सबसे पहले इन्हीं धर्मों को स्थान देते हैं
यह यज्ञ और इसका पूजन अनुष्ठान राज्य के कल्याण के लिए था
पहले के समय में यह माना जाता था कि देवता स्वर्ग में रहते हैं और जो लोग यज्ञ करते हैं उन्हें पुण्य अर्जित करके स्वर्ग जाने का सौभाग्य मिलता है।
ॐ राजाधिराजायप्रसह्यसाहिने नमोवयंवैष्णवणाय कुर्महे
समेकामान् कामकामायमह्यं कामेश्वरो वैश्रवणोददातु
कुबेराय वैश्रवणाय महाराजाय नमः ||
अर्थ: 2 Meaning 2 Mantra Pushpanjali In Hindi
हम धन के राजा भगवान कुबेर को नमन करते हैं, जो हमारी सभी बुनियादी जरूरतों को पूरा करते हैं।
गृहस्थ आश्रम सिर्फ अच्छे विचारों से नहीं चलता बल्कि आज की तारीख में व्यक्ति की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए पैसा भी उतना ही जरूरी है। देवी लक्ष्मी अस्थिर हैं, इसलिए धन का वितरण भगवान कुबेर पर है। गृहस्थ जीवन में स्थिरता होनी चाहिए। मानव जीवन के भोजन, जल, आवास, वस्त्र, पशु-पक्षी, औषधि, जल आदि मूलभूत आवश्यकताएं पूरी होनी चाहिए। हम यक्ष के पुत्र भगवान कुबेर से प्रार्थना करते हैं कि वे हमारे जीवन में शांति लाएं।
ॐ स्वस्ती
साम्राज्यं भोज्यं स्वाराज्यं वैराज्यं पारमेष्ठयंराज्यं
महाराज्यमाधिपत्यमयं समंतपर्यायीस्यात
सार्वभौम: सार्वायुष अंतदापरार्धात
पृथिव्यै समुद्रपर्यंतया एकराळीती ||
अर्थ: 3 Meaning 3 Mantra Pushpanjali In Hindi
हमारे प्रदेश में सुख-समृद्धि आये। हमारा राज्य सदैव कल्याणकारी हो, हमारी प्रजा लोभ और मोह से रहित राज्य पर लोक तन्त्र हो।
हमारे राज्य में राजनीति, सत्ता और संपत्ति के पीछे भागने वाला शासक वर्ग नहीं होना चाहिए | समाज में फैल रहे वैश्वीकरण के कारण अमीर और अमीर हो रहे हैं, जबकि अन्याय सहनेवाला मध्यम वर्ग गरीबी की ओर बढ़ रहा है। मालमत्ता और धन संचय की प्रवृत्ति के कारण समाज में मानवता नष्ट हो रही है। उसके लिए यह मंत्रपुष्पांजलि बोलना अति आवश्यक है।
तदष्येष श्लोको भिगीतो
मरुत: परिवेष्टरो मरूतस्यावसन गृहे
आविक्षितस्य कामप्रेर्विश्वे देवा: सभासद इति ||
अर्थ: 4 Meaning 4 Mantra Pushpanjali In Hindi
हमारे राज्य में एकीकरण होना चाहिए | क्षितिज से समुद्र तक फैली पृथ्वी को एक करने की आज जरूरत है। पृथ्वी के अंत तक मानव जीवन सुरक्षित रहना चाहिए। ऐसे साम्राज्य की प्रशंसा में हम यह श्लोक पढ़ते हैं। हम राजा मरुत और उनकी राजसभा की सराहना करते हुए प्रार्थना करते हैं कि हमें उसके अनुसार राज्य प्रदान किया जाये। राजा मरुत राजा अविक्षित के पुत्र थे |
एक धार्मिक कथा के अनुसार, राजा मरुत ने उच्च कोटि का एक महान यज्ञ करवाया। इस यज्ञ में उन्होंने इंद्र को प्रिय सोमरस, ब्राह्मणों को दक्षिणा और प्रजा को भोजन, वस्त्र, आश्रय, वाहन यानी हाथी- घोड़े दान किये। जिस चीज की जरूरत थी, वह उसे दे दी गयी | देवताओं से लेकर प्रजा तक सभी संतुष्ट थे। सभी के जीवन में सुख, समृद्धि और संतुष्टि की नींव रखी गई। इस प्रकार सभी के जीवन में खुशहाली का मार्ग प्रशस्त हुआ। उन्हें भगवान शिव को प्रसन्न करने और धन प्राप्त करने और अपनी प्रजा को खुश रखने का आशीर्वाद मिला था।
मंत्र पुष्पांजलि निष्कर्ष Conclusion Of Mantra Pushpanjali In Hindi
हमें एक साथ आना चाहिए और पूरे ब्रह्मांड के कल्याण के लिए प्रयास और प्रार्थना करनी चाहिए।
- माननीय पंतप्रधान श्री मोदीजी द्वारा चलाया जा रहा अभियान एक पृथ्वी, एक राजा, एक परिवार, G20 के लक्ष्य के रूप में “वसुधैव कुटुंबकम” की हिंदू धर्म में लंबे समय से प्रार्थना की जाती रही है। यही बात मंत्र पुष्पांजली हमे सीखलाती है |
एक कुशल राजा, एक ईमानदार मंत्रिमंडल और प्रजा के समीकरण में हमारा जीवन शांति और संतुष्टि में हो। आइए हम भगवान से प्रार्थना करें.
जब सभी में सहिष्णु, लयबद्ध, सामंजस्यपूर्ण एकता की भावना होगी, तभी सर्व कल्याणकारी साम्राज्य अस्तित्व में आएगा।
धन्यवाद
Very informative