About Dhanteras 13 Tithi

धनतेरस Dhanteras In Hindi

नमस्कार दोस्तों,
आप सभी को धनतेरस की हार्दिक शुभकामनाएँ,
ईश्वर आपको अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करें
कुबेर के धन के समान आपका घर सदैव धन से भरा रहे
देवी लक्ष्मी की कृपा से घर हमेशा धन-धान्य से भरा रहे |

धनतेरस Dhanteras In Hindi

स्वास्थ्य हो,पर्याप्त धन हो तो जीवन सुखी हो जाता है। इन्हीं चीज़ों के लिए मनुष्य जीवन में कोशिश – कड़ी मेहनत, प्रयास करता है।
देवी देवता की पूजा करता है उनसे अपने खुशाल जीवन के लिए प्रार्थना करता है|

पूजा-पाठ करने से मानसिक शांति मिलती है।
मन में आत्मविश्वास पैदा होता है. सच्ची भक्ती ,अच्छी निष्ठा और कडी मेहनत से देवता भी मदद के लिए आते हैं।
धनत्रयोदशी के दिन स्वास्थ्य की देवी धन्वंतरि, धन की देवी लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की पूजा की जाती है। यम दीप का दान भी किया जाता है।
धन + त्रयोदशी = धनत्रयोदशी। dhanteras

अर्थात कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की तेरस तिथि को धन की पूजा की जाती है। हिंदू संस्कृति में किसी भी पूजा के पीछे पौराणिक कथाएं होती हैं।

जब समुद्र मंथन हुआ था,
उस समय, कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष के तेरहवें दिन, भगवान कुबेर, देवी लक्ष्मी और देव धन्वंतरि  एक सोने और चांदी के बर्तन के साथ समुद्र से प्रकट हुए थे।
इसलिए इस दिन देवी लक्ष्मी, धन्वंतरि और कुबेरदेव की पूजा की जाती है।

धनतेरस कब है Dhanteras Kab Hai In Hindi

धनतेरस 10 नवंबर 2023 को मनाया जाएगा

इस दिन धनवंतरि जयंती यमदीप दान किया जाएगा |
तिथि द्वादशी
नक्षत्र हस्त
योग विष्कंभ
वार शुक्रवार

धन्वंतरि धनतेरस Dhanwantari Dhanteras In Hindi

धनत्रयोदशी
आरोग्यम धनसंपदा” अर्थात स्वास्थ्य ही हमारा धन है। यह विश्वास हमारी संस्कृति में रचा-बसा है। स्वास्थ्य एक स्वस्थ शरीर है |
यदि किसी के पास स्वास्थ्य नहीं है, तो वह धन का आनंद नहीं ले सकता। इसलिए सबसे पहले व्यक्ति का स्वास्थ्य उत्तम होना चाहिए।
धनत्रयोदशी को स्वास्थ्य के देवता धन्वंतरि की जन्मतिथि के रूप में भी जाना जाता है। इसलिए हम स्वास्थ्य के देवता की पूजा करते हैं | और अपने स्वास्थ्य की मांग करते हैं। dhanteras

  • धन्वंतरि देव को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है।
  • धन्वंतरि देव देवलोक में चिकित्सक के रूप में कार्य करते हैं , इसलिए उन्हें स्वास्थ्य का देवता कहा जाता है।
  • धन्वंतरि को स्वास्थ्य का देवता माना जाता है क्योंकि वे समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर आये थे।
  • धन्वंतरि भगवान की पूजा करते समय निम्नलिखित मंत्र का जाप करें।

धन्वंतरी मंत्र  Dhanwantari Mantra Dhanteras

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय धन्वन्तरये अमृतकलशहस्ताय
सर्वामयविनशाय त्रैलोक्यनाथाय श्री महाविष्णवे स्वाहा |

Dhanteras Dhanwantari mantra

धन की देवी लक्ष्मी Laxmi Devi Dhanteras In Hindi

देवी लक्ष्मी धनतेरस/धनत्रयोदशी के दिन समुद्र मंथन से पृथ्वी पर आईं थीं। इसलिए धनत्रयोदशी के दिन लक्ष्मी की पूजा की जाती है। हम प्रार्थना करते हैं कि आपके घर में सदैव देवी लक्ष्मी की सुगंध बनी रहे। आपका घर सदैव धन-धान्य से भरा रहे। बच्चों का जीवन मंगलमय हो. दिल की सारी इच्छाएं पूरी होंगी यही सबकी उम्मीद है। धनत्रयोदशी के दिन देवी की पूजा करने से वह भक्तों की प्रार्थना सुनती हैं। इस दौरान भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण कर रहे होते हैं। देवी लक्ष्मी की पूजा करते समय निम्नलिखित मंत्र का जाप करें।

लक्ष्मी देवी मंत्र Laxmi Devi Mantra Dhanteras

ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः ।।
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नमः ।।

Mata Laxmi Mantra Dhanteras

यम दीप दान  Yamdeep Daan Dhanteras In Hindi

  • धनतेरस के दिन इस दिन यमदीपदान करने का विधान है। यमदीप दान का अर्थ है कि शाम के समय मिट्टी के दीपक को दक्षिण दिशा में रखना चाहिए। ऐसा करने से आपके घर में छोटी-मोटी मौतें होने की संभावना टल जाती है। जो लोग मृत्यु से डरते हैं उनके लिए भी यम दीपदान की विधि हमारे पद्म पुराण में लिखी है।  रातभर जलते इस दीपक से जैसे अंधेरी रात पर प्रकाश छा जाता है | घर में खुशहाली आये, ऐसी प्रार्थना हम दिवाली के इस पहले दीपक से करते है | 
  • धनत्रयोदशी की शाम को दक्षिण दिशा में मिट्टी का दीपक जलाना चाहिए। 
  • यह दीपक आपके अन्य दीपक से थोड़ा बड़ा होना चाहिए। इस दीपक को पूरी रात जलाए रखना चाहिए।
  • दीपक जलाते समय निम्नलिखित मंत्र का जाप करें।

यमदीपदान मंत्र Yamdeep Dan Mantra Dhanteras

कार्तिकस्यासिते पक्षे त्रयोदश्यां तु पावके ।
यमदीपं बहिर्दद्यादपमृत्युर्विनश्यति ।

धनत्रयोदशी का यह त्योहार स्वास्थ्य, धन, संपदा, सुख और संतुष्टि लाता है।

Yamdeep Daan Mantra Dhanteras

धनतेरस पौराणिक कथा Traditional Story Dhanteras In Hindi

एक बार यमराज ने यमदूतों से पूछा- क्या पशुओं के प्राण हरने पर आपको किसी पर दया नहीं आती? यमदूत ने कहा, “नहीं महाराज! जब यह हमारा काम है तो दया दिखाने से क्या फायदा?”
यमराज ने कहा, “मुझे कोई ऐसी घटना बताओ जिससे तुम्हारा हृदय कांप उठा हो।”
यमदूत ने कहा,
“हंस नाम का एक राजा शिकार खेलने के लिए जंगल में गया। वह रास्ता भटक गया|  दूसरे राज्य की सीमा पार कर ली| टिक्का नामक राजा हंस राजा का बहुत सम्मान करता था।
राजा  की पत्नी हेमा को एक पुत्र हुआ। ज्योतिषियों ने नक्षत्र की गणना की। तदनुसार, राजकुमार विवाह के चार दिन बाद मृत्यु को प्राप्त हो जायेगा। ऐसी भविष्यवाणी की गई थी |  इसीलिए राजा ने अपने पुत्र के प्राण की रक्षा हेतू उसे एक गुफा मे छुपा दिया | अर्थात् उन्होंने कल्पना की कि वे ब्रह्मचारी रहेंगे।
परंतु अनुष्ठान का कथन निश्चित है। तदनुसार, राजा हंस की पुत्री यमुना के तट पर आयी। वहाँ उसने राजकुमार को देखा। दोनों ने गंधर्व विवाह किया। उनकी जोड़ी कामदेव रति के समान सुन्दर थी। परन्तु चौथे दिन राजकुमार की मृत्यु हो गयी। राजकुमारी विलाप करने लगी | उसके विलाप ने हमारे (यमदूतों के) हृदय को विदीर्ण कर दिया।”
यमराज को भी दुःख हुआ| लेकिन यमराज ने कहा, “हम क्या कर सकते हैं। हमारी भी कुछ सीमाएँ हैं। कभी-कभी हमें भी ऐसे अप्रिय कार्य करने पड़ते हैं।”
उस समय यमदूत ने यमराज से पूछा, ‘हमें अकाल मृत्यु से बचाने का कोई उपाय हो तो कृपया बताएं।’
उस समय यमराज ने कहा,
धनतेरस के दिन विधिपूर्वक धन्वंतरि पूजा और दीपदान करने से अकाल मृत्यु से मुक्ति मिलती है। जिस घर में यह पूजा की जाती है उस घर के लोगों को अकाल मृत्यु का भय नहीं रहेगा।”
इसलिए धनतेरस पर धन्वंतरि पूजा के साथ दीपदान करने की प्रथा शुरू हुई।

धनत्रयोदशी पर क्या खरीदें? Purchase kya kare Dhanteras In Hindi

कुछ मान्यताओं के अनुसार धनत्रयोदशी के दिन कुछ वस्तुएं खरीदनी चाहिए और कुछ वस्तुएं नहीं खरीदनी चाहिए।
धनत्रयोदशी के दिन लोहे की वस्तुएं, चाकू, कांच की वस्तुएं नहीं खरीदनी चाहिए।

धनिया के बीज – धनत्रयोदशी पर धनिया के बीज खरीदारी करने से सौभाग्य और समृद्धि आती है। इन धनिया के बीज को दिवाली की लक्ष्मी पूजा के दिन पूजा में रखना चाहिए। फिर इसका मसाला बना लें, या फिर इन बीजों को गमलों में डालकर लगा दें |

कपड़े या औषधि:  ऐसा माना जाता है कि महिलाओं के लिए लाल साड़ी या आभूषण खरीदने से देवी लक्ष्मी की कृपा और सौभाग्य प्राप्त होता है। इसके अलावा, धन्वंतरि स्वास्थ्य के देवता हैं, इसलिए औषधि खरीदने और उसका दान करने से घर में सभी को स्वास्थ्य प्राप्त होता है।
पीतल की वस्तुएं : भगवान धन्वंतरि को पीतल की वस्तुएं अत्यंत प्रिय हैं। उनके हाथ में पीतल का अमृत कलश था, इसलिए आज पीतल की वस्तुएँ खरीदने का भी महत्व है।
मिट्टी की वस्तुएँ: आज कई स्थानों पर मिट्टी के दीपक, लक्ष्मी गणेश की मूर्तियाँ, हटरी आदि खरीदने का रिवाज है। मिट्टी के बर्तन सकारात्मकता लाते हैं।

इस साल मिट्टी के दीपक ही जलाय मिट्टी मे पाचो तत्व मौजूद होते है इस वजह से घर में सकारात्मकता आती है |

वसुबारस

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