Sundarkand Path – Benefits and Rules
सुंदरकांड Sundarkand Path In Hindi
आप सभी को मेरा प्यार भरा नमस्कार,
आज हम प्रभावशाली एवं चमत्कारिक सुंदरकांड के बारे में जानेंगे.
दुनिया चले ना श्री राम के बिना राम जी चले ना हनुमान के बिना
इन्हीं पंक्तियों में हमें सुंदरकांड का महत्व समझ जाता है | अगर तर जाना है,जन्म मृत्यु के इस खेल से मोक्ष की प्राप्ति करना है, तो मन पर काबू में आना जरूरी है | मन पर काबू आने के लिए ही आध्यात्मिक जीवन के पथ पर चलना जरूरी है | sundarkand path
श्री रामचरितमानस का पांचवा अध्याय सुंदरकांड है |
सुंदरकांड को सबसे पहले रामायण में श्री वाल्मीकि जी ने संस्कृत में लिखा था | बाद में तुलसीदास जी ने जब श्री रामचरितमानस लिखी तो सुंदरकांड हिंदी भाषा में हम सबके सामने आया |
सुंदरकांड में हनुमान जी का सीता माता को खोजने के लिए लंका यात्रा का संपूर्ण मनमोहन बखान किया गया है | सुंदरकांड हनुमान जी पर केंद्रित सबसे पुरानी रचना है | श्रीचरितमानस रामायण पाठ में सुंदरकांड पाठ का विशेष महत्व माना गया है |
रामदूत, पवन पुत्र हनुमान का यशोगान ही सुंदरकांड है |
सुंदरकांड में भगवान कहते हैं “ निर्मल मन जन सो मोहे पावा, मोहे कपट छल चिद्र न भव” अर्थात स्वयं की तरह, भगवान भी उन भक्तों को पसंद करते हैं जिनके पास शुद्ध मन और महान विचार हो |
रामचरितमानस के सात कांडों में से एक कांड सुंदरकांड है | इसमें हनुमान जी द्वारा सीता माता की खोज और राक्षसों के संहार का वर्णन किया गया है| सुंदरकांड के दोहे और चौपाइयां विशेष छंद में लिखी गई है | संपूर्ण रामचरितमानस मेंभगवान श्री राम के शौर्य और विजय की गाथा लिखी गई है | परंतु सुंदरकांड में राम जी के परम भक्तमहावीर हनुमान के बल और विजय का उल्लेख है | विपरीत परिस्थितियों में भीअपने बुद्धि बल एवं आत्म बल से जीवन को विजयपथ की ओर ले जाने के लिए सुंदरकांड प्रेरित करता है |
सुंदरकांड में कुल 60 दोहे, 526 चौपाइयां, 6 चांद और तीन श्लोक दिए गए हैं |
हर 5 से 7 चौपाइयों के बाद एक दोहा आता है | सरल शब्दों में सुंदरकांड समझने का मैं प्रयास करूंगी | sundarkand path
परिचय Introduction Of Sundarkand Path In Hindi
कलयुग के प्रधान देवहनुमान जी को माना गया है | जोअजर और अमर है | हनुमान जी की कृपा से सभी तरह के दुख दर्द हो जाते हैं | हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए सुंदरकांड का पाठ किया जाता है | हर रोज 40 दिन तक अगर सुंदरकांड का पाठ कोई इच्छा लेकर किया जाए तो वह निश्चित रूप से पूरा हो जाता है | ऐसा भी कहा जाता है कि मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित थे इसी कारण मंगलवार के दिन सुंदरकांड का पाठ करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है | sundarkand path
सुंदरकांड के फायदे Benefits Of Sundarkand Path In Hindi
40 सप्ताह तक लगातार श्रद्धा पूर्वक अगर सुंदरकांड का पाठ किया जाए तो सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं| जीवन के सभी कष्ट दुख परेशानियां दूर हो जाती है | कई ज्योतिषी भी विपरीत परिस्थितियों में सुंदरकांड करने की सलाह देते हैं| यदि किसी व्यक्ति के जीवन में अत्यधिक परेशानियां हो तो तथा कोई काम नहीं बन पा रहे हो आत्मविश्वास की कमी आ रही हो तो सुंदरकांड पाठ करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं|
ऐसा माना जाता है कि सुंदरकांड के पाठ करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है |
- सुंदरकांड का पाठ करने वाले व्यक्ति को भगवान राम का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है जिस पर भगवान राम की कृपा हो जाती है उसे सब परेशानियां कोसों दूर हो जाती है|
- सुंदरकांड का पाठ करने से आत्मविश्वास भी बढ़ता है कई बार जीवन में आत्मविश्वास की कमी के कारण लोग सफल नहीं हो पाते हैं, इसीलिए जीवन और शिक्षा के क्षेत्र में सफल होने के लिए सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए |
- सुंदरकांड का पाठ करने से भय, चिंता, समस्या से मुक्ति मिल जाती है | अगर आपको किसी भी तरह का भय या चिंता है तो निश्चित रूप से सुंदरकांड का पाठ करें |
- अगर आपके कार्यों में विघ्न आ रहे हैं तो अपने सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए | सुंदरकांड का पाठ करने से कार्य पूर्ण हो जाते हैं |
- मान्यता है कि प्रतिदिन सुंदरकांड का पाठ करने पर व्यक्ति को कर्ज और मर्ज दोनों से ही शीघ्र छुटकारा प्राप्त होता है |
- हनुमान जी की भक्ति से भूत, पिशाच, शत्रु, बाधा,शनि राहु केतु आदि का भयनहीं रहता |
- सुंदरकांड करने वाले व्यक्ति के अंदर सकारात्मक और विचारात्मक ऊर्जा का संचार होता है | सकारात्मक विचारों के कारण व्यक्ति समस्या से ज्यादा समस्या के समाधान की तरफ अपना लक्ष्य केंद्रित करता है | इस कारण व्यक्ति का आत्मविश्वास एवं इच्छा शक्ति प्रबल हो जाती है | समस्याओं पर विजय प्राप्त करने के लिए खुद को और मन को ताकतवर महसूस करता है |
- सुंदरकांड मेंहनुमान जीमाता सीता का पता लगाने के लिएलंकागए थे उसका वर्णन किया गया है | उसे समय कितनी विपरीत परिस्थिति या थी| समुद्र पार करनाआसान नहीं था, फिर भी यह पाठ विपरीत परिस्थिति में जीत का विवरण होने के कारण प्रभावशाली और शक्तिशाली है | व्यक्ति अगर ठान ली और आत्मविश्वास प्रबल कर ले तो वह कुछ भी कर सकता है | इसी का उदाहरण यह सुंदरकांड का पाठ है |
- हनुमान जी के सुंदरकांड का पाठ सप्ताह में एक बार जरूर करना चाहिए | ज्योतिष शास्त्र के अनुसारविषम परिस्थितियों में सुंदरकांड पाठ करने की सलाह दी जाती है |
- जीवन में किसी प्रकार की समस्या उत्पन्न होने पर, संकल्प लेकर किया गया सुंदरकांड अवश्य ही फलदाई होता है इस बात का अनुभव लाखों भक्तों को आया है | सुंदर पाठ से एक नहीं बल्कि सैकड़ो समस्याओं का समाधान तुरंत ही प्राप्त होता है |
- श्री राम चरित्र मानस को रचने वाले गोस्वामी तुलसीदास के अनुसार हनुमान जी को जल्द प्रसन्न करने वाला सुंदरकांड यह एक पाठ एक रामबाण उपाय है | सुंदरकांड के पाठ से जीवन सुखमय होता है|
- सुंदरकांड का साप्ताहिक पाठ करने से गृह क्लेश दूर होता है और परिवार में खुशियां बढ़ती है|
- सुंदरकांड का पाठ हमें ताकत और बुद्धिमत्ता पर जोर देने की शिक्षा देता है |
21 दिन तक सुंदरकांड पाठ के नियम Rules Of 21 Days Of Sundarkand Path In Hindi
सुंदरकांड का पाठ लगातार 21 दिन तक करना चाहिए |पाठ सुबह या शाम को करना चाहिए |
सुंदरकांड अपनी इच्छा अनुसार 11,21, 51, 108 बार किया जा सकता है |
हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित कर, शुद्ध घी का दीपक जलाएं और हनुमान जी के चरणों में पीपल के सात पत्ते अर्पित करें |
प्रथम पूज्य गणेश जी को मनाएं बिना कोई भी कार्य में सफलता नहीं होती है इसी कारण सर्वप्रथम गणेश जी की मन से आराधना करनी चाहिए |
दीपक के प्रज्वलित होने के बाद सुंदरकांड का पाठ करें |
लड्डुओं का भोग लगाए|
पीपल के पत्तों की माला बनाकरआसपास के हनुमान जी के मंदिर में चढ़ा दे |
यह कार्य प्रतिदिन करना है | जब आपका अनुष्ठान पूर्ण हो जाए | तो अपनी इच्छा अनुसार हवन करवाए| सुंदरकांड के पाठ के साथ अगर हनुमान चालीसा भी करते हैं तो धन की प्राप्ति होती है |
निष्कर्ष Conclusion Of Sundarkand Path In Hindi
मन को भय और चिंता से मुक्त करने के लिए हनुमानजी के सुंदरकांड मंत्र का जप करना चाहिए। किसी भी काम को पूरे मन से करने से उसे सफलता मिलती है। श्रद्धा और विश्वास के साथ निरंतर सकारात्मकता की ओर मुड़ने से जीवन में लाभ अवश्य होता है। हनुमानजी का भक्तिभाव, व्यक्तित्व, लगन, के प्रभाव से हि मन को सांत्वना देता है। इसलिए भी यह सुंदरकांड लाभकारी है।
क्या आप सहमत हैं? Sundarkand Path
धन्यवाद