9 Rameshwaram Facts To Know And Visit The Religious Place
रामेश्वरम के आसपास बने इन तीर्थो से जुड़े है श्री राम और सीता माता के रहस्य
रामेश्वरम तीर्थ भगवान शिव के सबसे प्रसिद्ध ओर खास मन्दिरो में से एक है। मान्यता है कि इस मंदिर के शिवलिंग की स्थापना भगवान श्रीराम ने स्वयं की थी।
रामेश्वर के महत्व और खासियत के बारे में कई पुराणों ओर ग्रन्थों में पाया जाता है। जितना महत्वपूर्ण और खास रामेश्वर मंदिर है उतने ही खास उसके आसपास मौजूद ये नौ (9) तीर्थ है। इन सभी जगहों पर भगवान श्रीराम और देवी सीता से जुड़ी कुछ खास घटनाएं घटी थी।
आइये जानते है कि रामेश्वर के आसपास मौजूद वो कौन से नौ (9) तीर्थ है|
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रामेश्वरम में जाकर यह 9 जगह अवश्य जाना चाहिए | These 9 Places You Must Visit When You Visit Rameshwaram
जाड़ा तीर्थ Jada Tirth In Rameshwaram
रामेश्वरम से करीब 3.5 कि.मी. की दूरी पर जाड़ा नाम का एक तालाब है। मान्यताओं के अनुसार, जब भगवान राम रावण का वध करके लौट रहे थे तब उन्होंने इसी तालाब में अपने जाड़ा यानि अपने बाल धोए थे। जाड़ा तालाब के पास ही एक शिव मंदिर बना हुआ है। कहा जाता है कि यहाँ के शिवलिंग की पूजा खुद भगवान राम ने की थी।
गंधमादन पर्वत Gandhamadan Mountain Jada Tirth In Rameshwaram
यही वह जगह है, जहाँ भगवान श्रीराम अपनी वानर सेना के साथ बैठ कर युद्ध के लिए नीतियां बनाया करते थे। इसे रामेश्वरम की सबसे ऊंची जगह माना जाता है | इसलिए यहाँ से दूर दूर के नजारे बड़ी आसानी से देखे जा सकते है। कई लोगो का कहना है कि इस पर्वत पर भगवान श्रीराम के चरणों के निशान भी है।
विलूंदी तीर्थ Vilundi Tirth In Rameshwaram
रामेश्वरम मंदिर से लगभग सात (7) कि. मी. की दूरी पर एक कुआं है। मान्यता है कि इस कुएं को भगवान श्रीराम ने अपने तीर मार कर बनाया था क्योकि देवी सीता को प्यास लगी थी ओर देवी सीता ने उस कुएं का पानी पीकर अपनी प्यास बुझाई थी। यह स्थान समुद्र के अंदर अपने मीठे पानी के झरने के नाम से भी जाना जाता है |
विलुंडी अर्थात “तीर द्वारा छेदा गया स्थान” और तीर्थम का अर्थ “पवित्र जल” है।
यदि श्रद्धालु समुद्र में फैले 120 फुट लंबे पैदल पुल पर जाएं तो वे कुएं तक पहुंच सकते हैं।
अग्नितीर्थ Agni Tirth In Rameshwaram
रामेश्वर मंदिर से मात्र 100 मीटर की दूरी पर यह तीर्थ है। रावण का वध करने के बाद भगवान श्रीराम ने इसी जगह स्नान किया था, जिसे आज “अग्नि तीर्थ” के नाम से जाना जाता है। लंकापति रावण ब्राह्मण कुल से था | प्रभु श्रीराम ने रावण की हत्या की थी | अपने हाथों हुए ब्रह्म हत्या के पाप से बड़ी होने के लिए प्रभु श्री राम ने यहां पर स्नान किया था इसी कारण जो भी मनुष्य इस जगह पर स्नान करता है उसके सारे पाप नष्ट हो जाते है ओर पूण्य की प्राप्ति होती है।
धनुषकोटि तीर्थ Dhanushkoti Tirth In Rameshwaram
धनुषकोटि तीर्थ रामेश्वरम मंदिर से पूर्व दिशा में लगभग 18 कि.मी. की दूरी पर है। मान्यता है कि भगवान श्रीराम ने इसी की मदद से लंका तक का सफर तय किया था। रावण का वध करने के बाद विभीषण की प्रार्थना पर भगवान श्रीराम ने इस पुल को इसी जगह से तोड़ दिया था, ताकि भविष्य में कोई भी राक्षस इसकी सहायता से लंका पहुँच कर आक्रमण ना कर सके।
लक्ष्मण तीर्थ LaxmanTirth In Rameshwaram
रामेश्वरम मंदिर के पास ही लक्ष्मण तीर्थ नाम की जगह है। यहाँ पर मंदिर के पास ही एक तालाब बना हुआ है, जिसे बहुत ही पवित्र माना जाता है यहाँ के मंदिर में प्रवेश करने से पहले इस तालाब में स्नान करने की मान्यता है। मंदिर की दीवारों पर रामायण की कहानी चित्रों के द्वारा दर्शायी गई है।
पंचमुखी हनुमान मंदिर Panchmukhi Hanuman Mandir Tirth In Rameshwaram
रामेश्वरम मंदिर से केवल 2 कि.मी. की दूरी पंचमुखी हनुमान मंदिर है, इसी जगह पर भगवान हनुमान ने अपने पांच मुखों के दर्शन कराये थे। मंदिर में स्थापित हनुमान प्रतिमा को सिंदूर से सजाया जाता है। मंदिर में हनुमान जी के अलावा भगवान राम, देवी सीता और लक्ष्मण जी की भी प्रतिमाएं है।
कोथानदारामस्वामी मंदिर Kothanadaramaswamy Temple Tirth In Rameshwaram
रामेश्वरम मंदिर के पास बने कोथनदारामस्वामी मंदिर को लगभग 500 साल पुराना माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार यही वह जगह है, जहाँ भगवान श्रीराम ने विभीषण अभिषेक किया था। मंदिर में भगवान श्रीराम, देवी सीता और लक्ष्मण जी के साथ विभीषण जी की भी प्रतिमाएं है। मंदिर परिसर में भगवान श्रीराम के चरणों के निशान है ओर मंदिर की दीवारों पर भगवान श्रीराम के द्वारा विभीषण का अभिषेक करते हुए की चित्र भी बने हुए है।
सेतुकराई Setukarai Tirth In Rameshwaram
सेतु कराई वही जगह है जहाँ से राम सेतु बनाने के प्रक्रिया शुरू की गई थी। वैसे तो आज वास्तविक पुल विलुप्त सा हो गया है लेकिन इसी जगह को उसका मूल स्थान माना जाता है। यह जगह रामेश्वरम से लगभग 58 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। अब यहाँ पर हनुमान जी का एक छोटा सा मंदिर बना हुआ है।
!! जय श्रीराम !!
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