रघुपति राघव राजा राम पतित पावन सीता राम |बोलो सियावर रामचंद्र की जय, महावीर हनुमान की जय |
कुल क्षेत्रफल – 2.7 एकड़ कुल निर्मित क्षेत्र – 57,400 वर्ग. फुटमंदिर की कुल लंबाई – 360 फिट–मंदिर की कुल चौड़ाई – 235 फिटशिखर सहित मंदिर की कुल ऊंचाई – 161 फिट–मंजिलों की कुल संख्या – 3
प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई – 20 फिट मंदिर के भूतल के स्तंभों की संख्या – 160–मंदिर के प्रथम तल में स्तंभों की संख्या – 132–मंदिर की दूसरी मंजिल में स्तंभों की संख्या – 74मदिर में चबूतरे एवं मंडपों की संख्या – 5मंदिर में द्वारों की संख्या – 12
हर कोई प्रभु श्री राम के स्वागत हेतु अपना अपना योगदान देना चाहता है |
– 22 जनवरी को भगवान की प्राण प्रतिष्ठा के बाद जो विशेष भोग लगाया जाएगा उसके लिए राम जी के ननिहाल छत्तीसगढ़ से 3000 हजार क्विंटल चावल अयोध्या में पहुंचाया जाएगा | इसे छत्तीसगढ़ के जिलों से ही इकट्ठा किया जाने वाला है |
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– भगवान राम जी के ससुराल नेपाल के जनकपुर से वस्त्र, फल और मेवा 5 जनवरी तक अयोध्या पहुंचाया जाएगा | इसके अलावा भीउपहार से सजे 1100 थाल आएंगे |
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– नेपाल से भी आभूषण, बर्तन, कपड़े, मिठाई, दही मक्खनऔर चांदी के बर्तन आएंगे |
– यूपी के एटा गांव से मंदिर में लगाई जाने वाली घंटा आएगी |
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– गुजरात के वडोदरा से 108 फिट लंबी पंचगव्य और हवन सामग्रीऔर गाय के गोबर सेबनाई गई अगरबत्ती आएगी | जिसका वजन 3500 किलोग्राम है | इस अगरबत्ती को बनाने में 6 महीने का समय और 5 लाख की लागत लगी है |
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– भगवान श्री राम की चरण पादुकाएं देश भर के रामेश्वरम से लेकर बद्रीनाथ तक के सभी प्रसिद्ध मंदिरों में ले जाकर विशेष पूजा कर , अयोध्या राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के बाद वहीं पर रखी जाएगी | यह पादुका 19 जनवरी तक अयोध्या पहुंचेगी | Ayodhya Ram Mandir
अयोध्या मंदिर के बारे में कुछ रोमांचकारी इतिहास
अयोध्या पुरातात्विक संबंध खोज
अयोध्या का वर्णन
राम जी के न होने पर अयोध्या नगरी
अयोध्या मंदिर के बारे में कुछ रोमांचकारी इतिहास
100 साल बाद अयोध्या नगरी का पुनर्निर्माण
अयोध्या मंदिर का जिर्णोद्धार
अयोध्या मंदिर का पतन
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निष्कर्ष
इतने उतार चढ़ाव के बाद भीआज रामलला के जन्मभूमि पर फिर से राम मंदिर स्थापित हो रहा है | राम जी अपने अयोध्या लौट कर आ रहे हैं | इस वजह से हम सभी में उत्साह का वातावरण है | और आज हम हमारे पुराण और ग्रंथो की वजह से हि इतिहास के बारे में जान सकते हैं | इसलिए कहते हैं भक्ति में ही शक्ति है |
बोलो सियावर रामचंद्र की जय, महावीर हनुमान की जय |
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