BHAKTIWEL
प्राचीन एवं त्रेतायुग कालीन मंदिर है | जहां हनुमान जी महाराज अपने पुत्र मकरध्वज जी के साथ स्वयंभू विराजमान है |
रामायण काल में अहिरावण और महिरावण नाम के दो मायावी राक्षस राम जी और लक्ष्मण जी को बंदी बनाकर बलि देने के लिए पता ले गए, तब हनुमान जी राम-लक्ष्मणजी की खोज करते हुए इस स्थल पर आए थे |
अहिरावण की मृत्यु का यह रहस्य जानने के बाद हनुमान जी ने सर्वप्रथम बार यहां पर पाताल में पंचमुख स्वरूप धारण किया
धीरे-धीरे मकरध्वज जी की मूर्ति पाताल से बाहर आ रही है